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- Vaishno Devi Temple First Time Travel Guide Know 10 Things Before Visiting
- Posted On : 21 Sep 2021
- Category : Vaishno Devi
वैष्णो देवी के दरबार जाने का बना रहे हैं प्रोग्राम तो पहले जान लें ये 10 बातें
भारत में वैसे तो धार्मिक स्थलों की कोई कमी नहीं. हर साल लाखों यात्री तीर्थ करते हैं, लेकिन उनमें से बेहद खास माना जाता है पहाड़ों और बादलों के बीच स्थित माता वैष्णो देवी का दरबार. वैष्णो देवी मंदिर तक की यात्रा को कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक माना जाता है. वैष्णो देवी दरबार जम्मू-कश्मीर स्थित त्रिकूट पर्वत पर एक गुफा में है, जहां तक पहुंचने के लिए 13 किलोमीटर की मुश्किल चढ़ाई करनी पड़ती है. ये यात्रा भले ही कठिन है, लेकिन यहां का दृश्य बेहद अलौकिक है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यदि आपको भी मां वैष्णो देवी के दरबार में जाना है, तो उससे पहले ये 10 महत्वपूर्ण बातें जान लीजिए.
1. यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: माता वैष्णो देवी के दरबार में जाने और यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा समय गर्मियों का होता है. गर्मियों में पहाड़ों पर मौसम अच्छा होता है. यदि आप मानसून या सर्दियों के दौरान यात्रा कर रहे हैं, तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि मौसम की स्थिति बदलने की संभावना रहती है. नए साल की पूर्व संध्या, नवरात्रों और गर्मी की छुट्टियों या त्योहारों जैसे विशेष दिनों में यहां बहुत भीड़ होती है, जिसकी वजह से यहां दर्शन के लिए लंबी प्रतीक्षा करनी होती है.
2. समय के अनुसार रखें कपड़े: यहां की यात्रा के समय के आधार पर आप ये जरूर सुनिश्चित कर लें, कि अपने बैग में किस प्रकार के कपड़े रखने हैं. यदि आप सर्दियों में आ रहे हैं, तो खुद को गर्म रखने के लिए दस्ताने, स्कार्फ, ऊनी कपड़े साथ रखें. साथ ही, अगर आप ट्रेकिंग की योजना नहीं बना रहे हैं तो भी आरामदायक जूते पहनें.
3. पंजीकरण का रखें ध्यान: यात्रा के लिए आपको अपना पंजीकरण कराना होगा. कटरा में यात्रा शुरू करने से पहले पंजीकरण होता है. इसके लिए भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है. यहां से आपको पंजीकरण की पर्ची मिल जाएगी. इस यात्रा पर्ची के जारी होने के बाद आपको 6 घंटे के अंदर बाणगंगा मे पहली चेक पोस्ट को पार करना होगा.
4. ट्रैक से करें यात्रा: आपके पास कटरा से 12 किमी का ट्रैक लेने का विकल्प है. यह मंदिर 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इसलिए आपको लंबी सैर के लिए तैयार रहना चाहिए. रास्ता अच्छा होने के कारण ट्रैक अपने आप में सुगम है, यदि आप ढलान पर नहीं चलना चाहते हैं, तो आपके पास खड़ी सीढ़ियां चढ़ने का भी विकल्प है. रात के समय अपनी यात्रा शुरू करें, क्योंकि यह आपको पहाड़ की चोटियों के बीच से उगते सूरज के नज़ारे को देखने का एक अद्भुत अवसर देगा.
5. वरिष्ठों के लिए ये खास सुविधा: यदि आप पैदल चलने के इच्छुक नहीं हैं या वरिष्ठ नागरिकों के साथ यात्रा कर रहे हैं, तो आपके पास टट्टू की सवारी करने का भी विकल्प है. एक निश्चित दर निर्धारित है, जिसका भुगतान कर आप टट्टू की सवारी कर यात्रा कर सकते हें. हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैटरी से चलने वाले ऑटो भी दिन के समय में उपलब्ध रहते हैं.
6. हेलिकॉप्टर का भी विकल्प: आपके पास हेलिकॉप्टर सेवा चुनने का विकल्प भी है, जो कटरा से सांझीछत हेलीपैड तक उपलब्ध है. हेलिकॉप्टर का विकल्प चुनने के लिए आपको बुकिंग पहले ही करानी होगी, क्योंकि इस सेवा के लिए लंबी लाइन रहती है.
7. इस मंदिर में जरूर करें दर्शन: पवित्र तीर्थ की यात्रा के बीच में अर्धकुंवारी मंदिर की गुफा अवश्य जाना चाहिए. इस मंदिर के दर्शन किए गिना मां वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा अधूरी मानी जाती है.
8. सांझीछत पर रुकें: अर्धकुंवारी से 3.25 किमी की दूरी पर स्थित सांझीछत एक खूबसूरत स्थान है. यहां से घाटी का विहंगम दृश्य और बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों का आनंद लिया जा सकता है.
9. खाने-पीने की न करें चिंता: इस यात्रा के दौरान खाने-पीने की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. यात्रा मार्ग में बहुत सारे भोजनालय और जलपान केंद्र हैं, जहां आपको स्वादिष्ट राजमा-चावल, पुरीचोल, डोसा, कडिपकोड़ा और दहीवड़ा मिलता है.
10. रुकने की व्यवस्था: मुख्य परिसर जिसे भवन के रूप में जाना जाता है, यहां पहुंचने के बाद आपको मुफ्त और किराए पर आवास की सुविधा आसानी से मिल जाएगी. इसके अलावा यहां शाकाहारी रेस्तरां, एक चिकित्सा केंद्र, कंबल स्टोर, क्लोकरूम और धार्मिक प्रसाद और स्मृति चिन्ह बेचने वाली दुकानें हैं.
Source : https://www.aajtak.in
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